ऐ भक्तो फूल बरसाओ,
मेरे बाबा श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
मगन होकर सभी गाओ,
मेरे बाबा श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
ऐ भक्तो फूल बरसाओ।।
तर्ज – बहारो फूल बरसाओ
बड़े दानी बड़े दाता,
बड़ा दरबार है इनका,
चराचर के है ये मालिक,
सारा संसार है इनका,
भगत के वास्ते लेकर,
मधुर पैगाम आये है,
मेरे बाबा श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
ऐ भक्तो फूल बरसाओ।।
दरश श्री श्याम का आकर,
के पालो जिसका जी चाहे,
बरसता है यहाँ अमृत,
नहालो जिसका जी चाहे,
पिलाने के लिए सबको,
भक्ति का जाम लाये है,
मेरे घन श्याम आये है,
ऐ भक्तो फूल बरसाओ।।
जो सुनकर टेर भक्तो की,
ना कभी देरी लगाते है,
सदा संकट से ‘लख्खा’ को,
जो आकरके बचाते है,
ऐ शर्मा मांग ले तू भी,
खाटु वाले श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
ऐ भक्तो फूल बरसाओ।।
ऐ भक्तो फूल बरसाओ,
मेरे बाबा श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
मगन होकर सभी गाओ,
मेरे बाबा श्याम आये है,
मेरे घन श्याम आये है,
ऐ भक्तो फूल बरसाओ।।
Khatu shyam