जय बजरंगी राम के संगी,
दीनन पर उपकार करो,
जो शरणागत है प्रभु तेरी,
उनका बेड़ा पार करो।।
तुमने सारे उनके कारज,
जिनने तुमको ध्याया,
खाली हाथ नही लौटाया,
द्वार तेरे जो आया,
मैं भी सवाली बनकर आया,
प्रभु कृपा एक बार करो,
जो शरणागत है प्रभु तेरी,
उनका बेड़ा पार करो।।
लक्ष्मण के प्रभु प्राण उबारे,
धौलागिरी कर धर लाये,
पल भर मे मूर्छा से जागे,
जब वो संजीवनी खाये,
जय हो राम दूत प्रभु तेरी,
सुखी सकल संसार करो,
जो शरणागत है प्रभु तेरी,
उनका बेड़ा पार करो।।
अति बलधारी प्रभुवर तुम हो,
नाम से सब दुश्मन कापें,
संकट कोई भी छू न पाये,
नाम तेरा जो भी जापे,
‘राजेन्द्र’ तेरी कृपा मांगे,
प्रभु ना अब इंकार करो,
जो शरणागत है प्रभु तेरी,
उनका बेड़ा पार करो।।
जय बजरंगी राम के संगी,
दीनन पर उपकार करो,
जो शरणागत है प्रभु तेरी,
उनका बेड़ा पार करो।।
गायक / गीतकार – राजेंद्र प्रसाद सोनी।