मैं बालक तू माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
तेरी ममता मिली है मुझको,
तेरा प्यार मिला है,
तेरे आँचल की छाया में,
मन का फूल खिला है,
तुने बुद्धि तुने साहस,
तुने बुद्धि तुने साहस,
तूने ज्ञान दिया,
मस्तक ऊँचा करके,
जीने के वरदान दिया माँ,
तू है भाग्य विधाता शेरावालिए,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
जब से दो नैनो में तेरी,
पावन ज्योत समाई,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत,
देने लगी दिखाई,
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी,
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी,
डाल दिया है डेरा,
निस करे जो तेरी सेवा,
मैं वो दास हूँ तेरा,
रहूँ तेरे गुण गाता शेरावालिए,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
मैं बालक तू माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
स्वर – श्री गुलशन कुमार जी।
Bhoot achha
Most beautifull
Good one