चलो महाकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
करो शिव की पूजा उमरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
चलो महाँकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में।।
अनमोल तन तूने मानुष का पाया,
फिर भी हरी नाम तूने ना गाया,
माया में भरमाया दुनियाँ में आकर,
बैठा ना इक पल भी सतसंग में आकर,
क्यूँ लगाये दाग इस चुनरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
चलो महाँकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में।।
आजा गुरू की शरण में प्यारे प्राणी,
अनमोल मोती है संतो की वाणी,
गुरूजी के वचनों को मन में बिठाकर,
ॐ नाम की माला हर पल जपाकर,
तो बड़ा मजा आये उमरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
चलो महाँकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में।।
पी लो भोले नाम का जग में प्याला,
तन-मन को पावन करें यह माला,
बाबा के चरणों में मन को लगाकर,
पा लो इसे सत्य रटना लगाकर,
तो बड़ा मज़ा आए उमरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
चलो महाँकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में।।
चलो महाकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
करो शिव की पूजा उमरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में,
चलो महाँकाल की नगरिया में,
ॐ नाम बांध लो गठरिया में।।
गायक – तुषार ठाकुर।
रचियता – सतीश गोथरवाल।
8959791036
संगीत – डॉ. विजय गोथरवाल