एक बार कान्हा भी,
बनकर के देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे,
द्वापर का कृष्णा भी,
बनकर के देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
जिसने मुझे जनम दिया,
उनका ना प्यार मिला,
ना माँ की ममता और,
ना बाप का लाड मिला,
यूँ मात पात से दूर रहकर,
देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
गोकुल के संग राधा,
से नाता है टूटा,
मुझे पालने वालों से,
भी संग मेरा छूटा,
अपनों का संग यूँ,
छोड़ कर के देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
मैंने धर्म की रक्षा को,
पांडव का साथ दिया,
फिर भी गांधारी ने,
मुझको ही श्राप दिया,
बेवजह किसी का,
श्राप लेकर देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
दुनिया मुझको छलिया,
और माखन चोर है कहती,
‘संजय’ फिर भी मुख पे,
हर दम मुस्कान है रहती,
ताने सुनकर भी,
मुस्कुरा कर देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
एक बार कान्हा भी,
बनकर के देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे,
द्वापर का कृष्णा भी,
बनकर के देखो तो प्यारे,
क्या क्या ना कष्ट सहे।।
Singer & Lyrics – Sanjay Agarwal