घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है हिंदी भजन लिरिक्स

घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,

मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।



सोने की होती तो,
क्या करते तुम मोहन,

ये बांस की होकर भी,
दुनिया को नचाती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।



तुम गोरे होते तो,
क्या कर जाते मोहन,

जब काले रंग पर ही,
दुनिया मर जाती है।।



दुख दर्दों को सहना,
बंसी ने सिखाया है,

इसके छेद है सीने मे,
फ़िर भी मुस्काती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।



कभी रास रचाते हो,
कभी बंसी बजाते हो,

कभी माखन खाने की,
मन में आ जाती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।



घनश्याम
तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,

मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

10 COMMENTS

    • धन्यवाद, कृपया गूगल प्ले स्टोर से भजन डायरी डाउनलोड करें और बिना इंटरनेट के भी सारे भजन सीधे अपने मोबाइल में देखे।

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