मुझे खाटू में ही बस जाने दो भजन लिरिक्स

दरबार तेरा आया,
तब मुझे समझ आया,
कुछ भी नहीं दुनिया में,
सब कुछ हैं यहाँ माया,
मेरी तक़दीर संवर जाने दो,
मुझे खाटू में ही बस जाने दो,
मुझे खाटू में हीं बस जाने दो।।

तर्ज – अभी जिन्दा हूँ तो।



सोचता हूँ कि बहाना कर दूँ,

दोस्तों को मैं रवाना कर दूँ,
तेरे दामन छिप के रह जाऊं,
मैं किसी को भी नज़र ना आऊं,
ज़िन्दगी भर तो यूँ ही भटका हूँ,
अपनी शरण में ही रहने दो,
मेरी तक़दीर संवर जाने दो,
मुझे खाटू में हीं बस जाने दो।।



कभी तो आप इधर आओगे,

कभी तो मुझे नज़र आओगे,
मेरी नज़रों से बच ना पाओगे,
बिन मिले मुझसे रह ना पाओगे,
मैं सुदामा तो नहीं हूँ कान्हा,
अपने दास बनके रहने दो,
मेरी तक़दीर संवर जाने दो,
मुझे खाटू में हीं बस जाने दो।।



तेरे बिन अब तो रह ना पाऊंगा,

ना मिला तू तो मर ही जाऊँगा,
नटवर तू बड़ा दयालु है,
सुना है तू बड़ा कृपालु है,
मुझे पागल कहते हैं सब तो,
मुझे पागल ही बनके रहने दो,
मेरी तक़दीर संवर जाने दो,
मुझे खाटू में हीं बस जाने दो।।



दरबार तेरा आया,

तब मुझे समझ आया,
कुछ भी नहीं दुनिया में,
सब कुछ हैं यहाँ माया,
मेरी तक़दीर संवर जाने दो,
मुझे खाटू में ही बस जाने दो,
मुझे खाटू में हीं बस जाने दो।।

Singer – Rupesh Kumar


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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