हमको पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरा सांवरा,
हमकों पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का।।
तर्ज – तुमको मेरे दिल ने।
अब तो महसूस होने लगा है,
साथ अपना है सदियों पुराना,
अब तो जब भी जरूरत पड़ी है,
खाटू वाले पड़ा तुमको आना,
मेरे सुख दुःख में साथ निभाए सदा,
अपने चरणों से मुझको लगाए सदा,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरा सांवरा,
हमकों पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का।।
तेरी रहमत से ही पल रहा है,
खाटू वाले ये परिवार सारा,
मेरा सब कुछ है तेरे हवाले,
जग में कोई नहीं है हमारा,
बेबसों और गरीबो का दाता है तू,
राह भटके हुओं को दिखाता है तू,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरा सांवरा,
हमकों पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का।।
इतनी करदे किरपा श्याम हम पर,
नाम तेरा कभी ना भुलाएं,
ध्यान हरदम रहे बस तुम्हारा,
तेरे चरणों में जीवन बिताएं,
‘संजू’ गुणगान तेरा यूँ गाता रहे,
सारी दुनिया को महिमा सुनाता रहे,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरा सांवरा,
हमकों पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का।।
हमको पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरी नैया का खिवैया,
मेरा सांवरा,
हमकों पग पग पे,
सहारा है मेरे श्याम का।।
स्वर – गोपाल सेन।
प्रेषक – निलेश मदनलालजी खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे 9765438728