लाडकड़ी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा,
ओ था बिन आंगणियो,
सुनो सुनो लागे ओ बाईसा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
थारो बीरो थासु अरदास करे,
ओ मारी माकी जाइ जामण जाइ,
घरा पधारो चलो ओ बाई सा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
म्हासु रे भावजड़ी रो तानो,
सयो ना गयो,
जारी लागी कटारी काळजी में,
सुण जो ओ बीरो सा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
थारी रे भावज ने घरासू काड देउला,
ओ थाने सुमरण थाल,
हाथा सू जिमाऊ ओ भाई सा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
नहीं म्हारा बीरा पाछी नहीं जाऊली,
मैं तो सुरजी सामी,
अटल प्रतिज्ञा लिनी ओ बीरूसा,
मैं तो अखण्ड कवारी,
रेस्यू माता ने भजसु रे बीरो सा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
लाडकड़ी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा,
ओ था बिन आंगणियो,
सुनो सुनो लागे ओ बाईसा,
लाडकडी लाडेसर म्हारी,
जीण बाईसा।।
स्वर – रमा कुमारी जी।
प्रेषक – गणेश कुमार प्रजापत।
फतेहपुर सेखावटी 9929318271