विघ्न हरो गवरी के नन्दा रखो लाज गणराज पति लिरिक्स

विघ्न हरो गवरी के नन्दा,
रखो लाज गणराज पति।

दोहा – नमो नमो गुरुदेवजी,
नमो नमो सब सन्त,
जन दरिया वंदन करे,
नमो नमो भगवंत।
नमस्कार मेरे मातपिता को,
ज्यांसे रचा शरीर,
वंदन करू गुरुदेव ने,
म्हारो पड़ियो भजन में सीर।



विघ्न हरो गवरी के नन्दा,

रखो लाज गणराज पति,
दास तुम्हारा प्रभु अर्ज करत हैं,
सुणो मालिक कैलाशपति।।



महादेव पार्वती ने परणे,

तीन लोक में वे शक्ति,
सदा शिव जी रे संग बिराजे,
वो माता हैं पार्वती।।



रामचन्द्र जी सीता ने परणे,

लक्ष्मण हैं वे बाळ जती,
उलट हाथ प्रभु बाण सांभियो,
रावण मारियो लंकापति।।



हनुमान हैं दास राम रा,

उनको जी जाया अजनी जती,
उल्टे पाँव कूद गयो सागर,
शंका न लायो धणी पाव रती।।



वासुदेव जी रत्न हाथ में,

सभा जुड़ी हैं देव रथी,
सूरदास सन्तों री महिमा,
सुणे साम्भले जती सती।।



विघ्न हरों गवरी के नन्दा,

रखो लाज गणराज पति,
दास तुम्हारा प्रभु अर्ज करत हैं,
सुणो मालिक कैलाशपति।।

गायक – श्री अर्जुन बाजाड़।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052

ये भजन भी देखें – गौरी के नंदा गजानन।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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