श्याम मेरी अब तो,
पकड़ो कलाई,
हूँ अकेला यहाँ,
नहीं कोई मेरा,
मेरी बनके चलो परछाई,
श्याम मेरी अब तों,
पकड़ो कलाई।।
तर्ज – वफ़ा ना रास आई।
इस दुनिया में एक तू ही मेरा,
दूजा ना कोई सहारा है,
मन में विश्वास जगा कर के,
मैंने तुझको आज पुकारा है,
मेरी सुनके पुकार,
तू आजा एक बार,
अब तो कर लो सुनवाई,
श्याम मेरी अब तों,
पकड़ो कलाई।।
आकर के देखो हाल मेरा,
इस जग ने क्या कर डाला है,
जिसको अपना समझा मैंने,
उसने ही छीना निवाला है,
रोटी छीनी कपडा छीना,
और छीन ली मेरी कमाई,
श्याम मेरी अब तों,
पकड़ो कलाई।।
मैं तो दुनिया से हारा गया,
अब तुझको ही जितवाना है,
खोया सम्मान जो ‘विक्की’ का,
हर हाल में उसे दिलाना है,
जो भी आया शरण,
हार कर के तेरी,
तूने उसकी बिगड़ी बनाई,
श्याम मेरी अब तों,
पकड़ो कलाई।।
श्याम मेरी अब तो,
पकड़ो कलाई,
हूँ अकेला यहाँ,
नहीं कोई मेरा,
मेरी बनके चलो परछाई,
श्याम मेरी अब तों,
पकड़ो कलाई।।
Singer – Kamal Kanha Sukhwani