दादी इतनी किरपा करिये दर पे आवता रवा भजन लिरिक्स

दादी इतनी किरपा करिये,
दर पे आवता रवा,
मैं तो थारे दरबार से,
माँ मांगता रवा।।

तर्ज – थारे सेठ जी रो सेठ।



थोड़ो थोड़ो देवोगा तो,

बार बार आवाँगा,
दादी थाने मीठा मीठा,
भजन सुनावांगा,
म्हारी झोली इतनी भरिये,
मैं भी बांटता रवा,
मैं तो थारे दरबार से,
माँ मांगता रवा।।



एक बार में देवोगा तो,

आ नी कोणी पावांगा,
मोह माया के जाल में माँ,
मैं भी फस जावांगा,

‘शुभम रूपम’ म्हे भी,
हाजरी लगावता रवा,
मैं तो थारे दरबार से,
माँ मांगता रवा।।



दादी इतनी किरपा करिये,

दर पे आवता रवा,
मैं तो थारे दरबार से,
माँ मांगता रवा।।

स्वर – शुभम रूपम।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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