बुला ले बाबा खाटू में,
तर्ज – उड़ जा काले कावा।
याद में तेरी साँवरिया,
मेरा दिल ये रोता है,
रोता देख तू बाबा कैसे,
चैन से सोता है,
खाटू की हवाएं आकर,
ये संदेश सुनाए,
सुना मंदिर प्रेमी बिन,
देख तुझको भी ना भाए,
बुला ले हमे खाटू मे,
बुला ले बाबा खाटू मे।।
खाटू की वो रौनक ना जाने,
कहाँ पे हो गई गुम,
जयकारे लगाते थे प्रेमी,
पूरा लगा के दम,
भजनों की महफ़िल सजती,
सुन्दर लगता था नज़ारा,
किसकी बाबा नज़र लगी,
तड़पे हर प्रेमी तुम्हारा,
बुला ले हमे खाटू मे,
बुला ले बाबा खाटू मे।।
कितनी बाते मन मे रखी,
किसे सुनाए हम,
क्या तेरा तेरे प्रेमी बिन बोलो,
लग जाता है मन,
गलियों में बाबा आते जाते,
वो कहना जय श्री श्याम,
कितने संकट टल जाते थे,
लेते ही तेरा नाम,
बुला ले हमे खाटू मे,
बुला ले बाबा खाटू मे।।
गलती गर कुछ हमसे हुई तो,
माफ कर दो ना,
भूलो सारी भूलो को सर,
हाथ धर दो ना,
हारे के संग प्रेम तुम्हारा,
है बड़ा सदियों पुराना,
‘रूबी रिधम’ को छोड़ो ना यू,
रिश्ता अपना निभाना,
बुला ले हमे खाटू मे,
बुला ले बाबा खाटू मे।।
याद में तेरी साँवरिया,
मेरा दिल ये रोता है,
रोता देख तू बाबा कैसे,
चैन से सोता है,
खाटू की हवाएं आकर,
ये संदेश सुनाए,
सुना मंदिर प्रेमी बिन,
देख तुझको भी ना भाए,
बुला ले बाबा खाटू में,
बुला ले बाबा खाटू मे।।
Singer – Vipin
Writer / Upload – Ruby Garg ( Ruby Ridham )
9717612115