विधाता तोड़ बता दे संकट मेट दे भजन लिरिक्स

विधाता तोड़ बता दे संकट मेट दे,
थारा सरणागत भगतां री,
राखी लाज विधाता,
तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता धरम मरयादा मिनखां छोड़ दी,

पापी कपटी करबा लाग्या अत्याचार,
विधाता तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता रचियोड़ी रचना मिनखां छेड़ दी,

बाने सूझे कोनी बचबा रो उपाय,
विधाता तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता सुख में टाबरिया थाने भूलगा,

जोड़े दुख वाली बेळ्यां में सगला हाथ,
विधाता तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता धन और जोबन को होरो मिट गयो,

अब तो थारे ऊपर सगला छोडी आस,
विधाता तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता टाबर म्हे थारा थे तो नाथ हो,

थारा आछा भूंडा भगतां री पुकार,
विधाता तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।



विधाता तोड़ बता दे संकट मेट दे,

थारा सरणागत भगतां री,
राखी लाज विधाता,
तोड़ बता दे संकट कियाँ मिटे।।

स्वर – अपेक्षा स्नेहा पारीक जायल।
लेखक/प्रेषक – सुभाष चंद्र पारीक, जायल।
9784075304


Previous articleभगत रे धरती पर संकट मिनखां कारणे भजन लिरिक्स
Next articleभजना से लागे मीरा मीठी देसी भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here