आजा भवानी एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा।
अम्बे भवानी दुर्गे भवानी,
मुझे आस चरण की,
रख लेना मैया लाज हमारी,
लागी लगन की,
दर्शन तो दे दे एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
भेंट लिए मैं तो कब से खड़ा हूँ,
मैया द्वार पे तेरे,
पूरण करदे मैया भवानी,
कारज मेरे,
मुझको है तेरा एतबार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
है जग दाती तेरे चरण की,
धूल मिले जो,
राजेन्द्र के घर खुशियों के मां,
फूल खिले जो,
मिल जाये चेन करार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
आजा भवानी एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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