जय राधे जय कृष्ण,
जय वृंदावन,
श्री गोविन्द गोपीनाथ,
मदन मोहन।।
श्यामा कुंड राधा कुंड,
गिरी गोवर्धन,
कालिंदी जमुना जय,
जय महावन,
केसी घाट बंसीवट,
द्वादश कानन,
जहां सब लीला कोयलो,
श्री नंद-नंदन।
जय राधें जय कृष्ण,
जय वृंदावन,
श्री गोविन्द गोपीनाथ,
मदन मोहन।।
श्री नंद-जसोदा जय,
जय गोपी गान,
सुदामा जय धेनु जय,
जय वत्स गान,
जय ब्रज भानु जय,
कीर्तिदा सुंदरी,
जय पूर्णमासी जय,
अभिया नगरी।
जय राधें जय कृष्ण,
जय वृंदावन,
श्री गोविन्द गोपीनाथ,
मदन मोहन।।
जय द्विजा पत्नी,
जय नागकन्या गान,
भक्तित जहर प्यालो,
गोविंदा कारण,
श्री रास मंडल जय,
जय राधा श्याम जय,
जय रासलीला,
सर्व मनोरम जय।
जय राधें जय कृष्ण,
जय वृंदावन,
श्री गोविन्द गोपीनाथ,
मदन मोहन।।
जय राधे जय कृष्ण,
जय वृंदावन,
श्री गोविन्द गोपीनाथ,
मदन मोहन।।
लेखक – कृष्णदास कविराज गोस्वामी।
गायिका – थिया क्रूडी (इटली)
प्रेषक – विजय गोथरवाल।
9826447996