पंचमुखी रूप दिखाइए हो ज्योत पे,
संकट काटण आइये हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
सजा तेरा दरबार बालाजी,
भूत पे गेर दे मार बालाजी,
पंचमुखी रूप दिखाइए हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
धर दिया तेरा लाल लंगोटा,
हो संकट पे बजन दे सोट्टा,
भूता का मुंह खुलवाईये हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
बांध के इनके साथ बेल में,
प्रेतराज के गेर जेल में,
भैरव नाथ ने आइये हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
शहर मारपुर भगत तेरा स,
सतबीर भगत तेरी शरण पड़ा स,
सुमित का भाग जगाइये हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
संकट काटण आइये हो ज्योत पे,
झुमके बाबा छाईए हो ज्योत पे।।
भजन गायक – मुकेश शर्मा।
प्रेषक – शिवांगिनी ठाकुर।