मेरे गुरु का जन्मदिन आया,
हो आया संग में खुशियां लाया,
के मैं तो नच नच धूम मचाऊँ,
चरणों में शीश झुकाऊं,
मेरे गुरु का जनमदिन आया।।
तर्ज – जट यमला पगला।
झूमेंगे नाचेंगे आज हम तो,
धूम मचाएंगे,
गुरु के जन्मदिन को हम,
आज मनाएंगे,
केक भी काटेंगे और,
फूल भी चढ़ाएंगे,
मीठे मीठे हलवे का,
भोग भी लगाएंगे,
गुरु जी को भोग लगाया,
लगाया लगाया,
मेरे गुरु का जनमदिन आया।।
ऐसी घड़ी ऐसा पल बार-बार,
नहीं आएगा,
गुरु जी के भजनों को ‘आनंद’,
आज गाएगा,
साथ में नाचूंगा और,
साथ में नचाऊँगा,
गुरु के जन्मदिन को,
खुशी से मनाऊंगा,
सज धज कर हूं मैं आया,
हां आया मैं आया,
मेरे गुरु का जनमदिन आया।।
मेरे गुरु का जन्मदिन आया,
हो आया संग में खुशियां लाया,
के मैं तो नच नच धूम मचाऊँ,
चरणों में शीश झुकाऊं,
मेरे गुरु का जनमदिन आया।।
गायक / लेखक – आनंद राज बर्मन।
संपर्क सूत्र – 6396273131