मान ले कहना अभी वक्त है संभल जा ज़रा चेतावनी भजन

मान ले कहना अभी,
वक्त है संभल जा ज़रा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा,
यही गीता यही रामायण,
का मंत्र रहा,
यही गीता यही रामायण,
का मंत्र रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



बड़ी मुश्किल से मिला,

हमको तन ये मानव का,
जिसे पाने के लिए भी,
तरसते है देवता,
लिपट के मोह में,
ओ मूरख क्यों भटक रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



कब बचपन हुआ पचपन का,

जरा फिक्र तो कर,
नेक कर्मों में लगा दे,
अपनी बाकी उमर,
अभी से चेत जा,
नही अंत में पछतायेगा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



साथ ले जाएगा क्या,

जोड़ा तूने सारी उमर,
समय जब बीत गया,
टेढ़ी हुई तेरी कमर,
सिवाय धर्म के इस जग में,
तो कुछ भी ना रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



बूढ़े बैलों की तरह,

घर से निकालेंगे तुझे,
समझ के स्वप्न बुरा,
कोई भुला देंगे तुझे,
कभी जो बोया था,
आज वही काट रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



विचार करके करले,

राम की भक्ति प्यारे,
वहीं हरेंगे तेरे,
जन्मों के दुख सारे,
कैसा नादान है जो,
असली धन को छोड़ रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



यही मंशा है चहुं ओर,

खुशियां ही बरसे,
क्षमा करो जो भूल,
हो गई हो ‘सेवक’ से,
यही वो नाम है जो,
सारे जग को तार रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।



मान ले कहना अभी,

वक्त है संभल जा ज़रा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा,
यही गीता यही रामायण,
का मंत्र रहा,
यही गीता यही रामायण,
का मंत्र रहा,
किसी के रोके रुके ना,
समय ये बीत रहा।।

– गायक / लेखक / प्रेषक –
महेन्द्र सिंह लोधी “सेवक”
7879409630


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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