जय श्री श्याम जय मोरवीनंदन,
श्लोक – मोरवीनंदनम वन्दे,
वन्दे श्रीकृष्ण रूपिणम,
शीशदानिम सदा वन्दे,
पाप ताप निवारिणम।
जय श्री श्याम जय मोरवीनंदन,
जय लीले असवारी की।।
परम तपस्वी शक्ति का साधक,
माँ दुर्गा का तू आराधक,
परम शक्ति से प्राप्त परमवर,
तीन बाण के धारी की,
जय श्रीं श्याम जय मोरवीनंदन,
जय लीले असवारी की।।
बर्बरीक हारे का सहारा,
स्वयं विधाता तुझसे हारा,
बिंधा पीपल का हर पत्ता,
अचरज विस्मयकारी की,
जय श्रीं श्याम जय मोरवीनंदन,
जय लीले असवारी की।।
स्वयं श्याम ने तुझको जांचा,
दिया प्रमाण दान का साँचा,
स्वयं काटकर शीश के दाता,
मोहन पर बलिहारी की,
जय श्रीं श्याम जय मोरवीनंदन,
जय लीले असवारी की।।
नाम रूप गुण कृष्ण का पाया,
खाटू को तूने धाम बनाया,
खीर चूरमा सवामणी और,
प्रेम भाव आहारी की,
जय श्रीं श्याम जय मोरवीनंदन,
जय लीले असवारी की।।
जय श्री श्याम जय मोरवीनँदन,
जय लीले असवारी की।।
Singer – Surbhi Chaturvedi
?जय श्री श्याम जी?