हम कब से पड़े है शरण तुम्हारी सुनलो साँवरिया भजन लिरिक्स

हम कब से पड़े है,
शरण तुम्हारी,
सुनलो साँवरिया,
हम कोई गैर नही,
नौकर तेरे दरबार के हम है,
सुन लो साँवरिया,
हम कोई गैर नही।।

तर्ज – एक बार तो राधा बनकर।



गुजरा हुआ हर पल,

हमे याद आता है,
तेरे सिवा हमको,
ना कोई भाता है,
मेरी लाज तुम्हारे हाथ है,
सुनलो साँवरिया,
हम कोई गैर नही।।



अपनों से साँवरिया,

परहेज है कैसा,
देखा ना दुनिया में,
दिलदार तुम जैसा,
हम तेरे आसरे कब से बैठे,
सुनलो साँवरिया,
हम कोई गैर नही।।



बस इतनी तमन्ना है,

दीदार हो तेरा,
कहीं बिखर ना जाए श्याम,
अनमोल प्यार मेरा,
अब निर्मोही ना बनो ‘ओम’ की,
सुनलो साँवरिया,
हम कोई गैर नही।।



हम कब से पड़े है,

शरण तुम्हारी,
सुनलो साँवरिया,
हम कोई गैर नही,
नौकर तेरे दरबार के हम है,
सुन लो साँवरिया,
हम कोई गैर नही।।

गायक – ओम गोयनका।
प्रेषक – अनंत गोयनका।
9334903087


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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