ना कही हमने श्याम सा देखा,
दोहा – वसुदेव सुतं देवं,
कंस चाणूर मर्दनम,
देवकी परमानन्दम,
कृष्णं वन्दे जगतगुरुं।
छैल जो छबीला,
सब रंग में रंगीला,
बड़ा चित का अडिला,
सब देव तोसे न्यारा है।
माला गल सोहे,
नाक मोती से तू जोहे,
कान कुंडल मन मोहे,
लाल मुकुट सिर धारा है।
दुष्ट जन मारे,
सब संत जन तारे,
ताज चित में हमारे,
सुख प्रीति करने वारा है।
नंद जू का प्यारा,
जिस कंस को पछारा,
वो ही वृन्दावन वारा,
कृष्ण साहिब हमारा है।
ना कही हमने श्याम सा देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कहीं हमने श्याम सा देखा।।
ध्यान में योगियों के आता नही,
ध्यान में योगियों के आता नही,
संग भक्तो के नाचता देखा,
संग भक्तो के नाचता देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कहीं हमने श्याम सा देखा।।
किस तरह द्रोपदी नग्न होती,
किस तरह द्रोपदी नग्न होती,
श्याम साड़ी में था छुपा देखा,
श्याम साड़ी में था छुपा देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कहीं हमने श्याम सा देखा।।
युद्ध में अर्जुन की जीत हो जाये,
युद्ध में अर्जुन की जीत हो जाये,
उसका रथ आप हाँकता देखा,
उसका रथ आप हाँकता देखा,
Bhajan Diary Lyrics,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कहीं हमने श्याम सा देखा।।
ना कहीं हमने श्याम सा देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कहीं हमने श्याम सा देखा।।
Singer – Subhash Rahi