माँ नर्मदा तू है,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा,
माँ नर्मदा हो,
माँ नर्मदा हो,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
कलियुग में गंगा,
माँ नर्मदा है,
पतितों की पावन,
माँ नर्मदा है,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
भगवान शंकर की,
मानस बेटी,
अमरकंट में है,
हुआ जन्म तेरा,
सागर में जाकर,
माँ तू मिल है जाए,
पतितों की पावन,
माँ तू है कहाए,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
रंगीन शिलाओं में,
रहती तू माता,
कल कल ध्वनि से,
तू कहती है माता,
मेकलसुता भी तो,
कहते है तुझको,
कई रूप में पावन,
माँ नाम तेरा,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
तेरे ही तट पे,
माँ सिद्धेश्वर है,
तेरे सहारे तो,
जोगेश्वर है,
बारह ज्योतिर्लिंगों में से,
ओम्कारेश्वर ममलेश्वर है,
Bhajan Diary Lyrics,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
माँ नर्मदा तू है,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा,
माँ नर्मदा हो,
माँ नर्मदा हो,
माँ नर्मदा तू हैं,
कलयुग की गंगा,
दर्शन से तेरे,
मन हो जाए चंगा।।
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