सुमिरण दुख भंजन का चारभुजा धारी गिरजा नंदन का

सुमिरण दुख भंजन का,
चारभुजा धारी गिरजा नंदन का,
सुमिरण दुख भँजन का।।



कार्तिक और गणपति में एक दिन,

ऐसी बाजी लागी,
पृथ्वी की परिक्रमा करके,
कौन आते है आगे,
सुमिरण दुख भँजन का,
चारभुजा धारी गिरजा नंदन का,
सुमिरण दुख भँजन का।।



कार्तिक जी अपने वाहन से,

तेज़ गति से भागे,
गणपति मात पिता को घूमे,
भये बुद्धि में आगे,
सुमिरण दुख भँजन का,
चारभुजा धारी गिरजा नंदन का,
सुमिरण दुख भँजन का।।



मेरे दुख को दूर करो प्रभु,

तुझसे है ये अर्ज़ी,
फिर आगे जो भी करना हो,
अब तेरी है मर्ज़ी,
सुमिरण दुख भँजन का,
चारभुजा धारी गिरजा नंदन का,
सुमिरण दुख भँजन का।।



सुमिरण दुख भंजन का,

चारभुजा धारी गिरजा नंदन का,
सुमिरण दुख भँजन का।।

Singer – Rupesh Choudhary
Lyrics – Fanibhushan Choudhary
70004825279


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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