साँवरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है भजन लिरिक्स

साँवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें,
हमें हरी गुण गाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।

तर्ज – बाबुल का ये घर।



मथुरा में ढूंढा तुझे,

गोकुल में पाया है,
वृन्दावन की गलियों में,
मेरे श्याम का ठिकाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



बागो में ढूँढा तुझे,

फूलों मे पाया है,
मोगरे की कलियों में,
मेरे श्याम का ठीकाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



सखियों ने ढूँढा तुझे,

गोपियों ने पाया है,
राधा जी के हृदय में,
मेरे श्याम का ठीकाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



राधा ने ढूंढा तुझे,

मीरा ने पाया है,
मैंने तुझे पा ही लिया,
मेरे दिल में ठिकाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



महलों मे ढूँढा तुझे,

झोपड़ी में पाया है,
सुदामा की कुटिया में,
मेरे श्याम का बसेरा है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



मीरा पुकार रही,

आओ मेरे गिरधारी,
विष भरे प्याले को,
तुम्हे अमृत बनाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।



साँवरे से मिलने का,

सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें,
हमें हरी गुण गाना है,
सांवरे से मिलने का,
सत्संग ही बहाना है।।


Previous articleशिरडी के रहने वाले कहते है तुझको साँई भजन लिरिक्स
Next articleशिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here