सदा खाली रहा दामन,
मगर इस बार तू भर देना।
मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी,
आ गयी दर तेरे दौड़ के,
लाज रखना मेरे, तू विश्वास की,
बैठो ना ऐसे मुंह मोड़ के,
बहुत बीते है दिन रातें,
मगर इस बार खबर लेना,
सदा खाली रहा दामन,
मगर इस बार तू भर देना।।
तर्ज – हमें पूछो क्या होता है बिना।
तेरी मैं राह तकती हूँ,
सदा पलकें बिछा कर के,
मेरी किस्मत को बदलोगे,
सोये भाग जगा कर के,
सदा लौटी हूँ बिन दर्शन,
मगर इस बार दरश देना,
सदा खाली रहां दामन,
मगर इस बार तू भर देना।।
तेरी देहलीज़ से कोई,
गया ना आज तक खाली,
बड़ी से भी बड़ी विपदा,
सुना ये तूने ही टाली,
दिए है ज़ख़्म दुनिया ने,
मगर तुम तो मरहम देना,
सदा खाली रहां दामन,
मगर इस बार तू भर देना।।
नहीं चुपचाप यूँ बैठो,
ज़रा मुख से तो कुछ बोलो,
करे ये अर्ज़ ‘पूनम’ श्याम,
तुम अपनी आँख तो खोलो,
भटकती ही रही दर दर,
पर अब बाँहों में भर लेना,
सदा खाली रहां दामन,
मगर इस बार तू भर देना।।
मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी,
आ गयी दर तेरे दौड़ के,
लाज रखना मेरे तू विश्वास की,
बैठो ना ऐसे मुंह मोड़ के,
बहुत बीते है दिन रातें,
मगर इस बार खबर लेना,
सदा खाली रहां दामन,
मगर इस बार तू भर देना।।
Singer – Babita Soni