बाबा खाटू आने को,
मेरो मन ललचावे रे,
हर ग्यारस तेरे दर्शन हो,
वो दिन फिर आवे रे,
बाबा खाटु आने को।।
तर्ज – आदमी मुसाफिर है।
ग्यारस पे खाटू कैसे मैं आऊं,
तू ही बता कैसे दर्शन मैं पाऊं,
देखे बिना तुझे रह ना पाऊं,
बाबा खाटु आने को।।
हर प्रेमी बाबा अर्ज़ी लगाए,
खाटू तू बाबा जल्दी बुलाए,
ग़म का अँधेरा म्हारा श्याम मिटाये,
बाबा खाटु आने को।।
घर घर से हर प्रेमी तुझको पुकारे,
भजनो से अपने बाबा तुझको रिझाये,
साहनी भी दास तेरे अर्ज़ी ये गायें,
बाबा खाटु आने को।।
बाबा खाटू आने को,
मेरो मन ललचावे रे,
हर ग्यारस तेरे दर्शन हो,
वो दिन फिर आवे रे,
बाबा खाटु आने को।।
Singer – Sandeep Sahni