दुनिया वालों सुनो,
मेरी इस बात को,
भूल जाना नहीं,
अपने मां बाप को,
जिसने पैदा किया,
जग में हम आपको,
जिसने क़ुर्बा किया,
अपने दिन रात को,
दुनिया वालो सुनो।।
तर्ज – जाने वालों जरा।
हमको चलना सिखाया,
दिया आसरा,
फिर उन्हीं ने बताया,
हमें रास्ता,
हां हमें रास्ता,
जिसने हर दुख सहा हैं,
इसी वास्ते,
जिन्दगी में न हो,
दुख कोई आपको,
दुनिया वालो सुनो।।
अपने माँ बाप पे,
जो करेंगे सितम,
अपनी औलाद से,
वो ही पाएंगे हम,
वो ही पाएंगे हम,
घर से बेघर करें,
जो पिता मात को,
वो ही सहना पड़ेना,
कभी हम आपको,
दुनिया वालो सुनो।।
हमको दुनिया के हर सुख,
जिसने दिया,
हम उसी को वृद्धाश्रम,
भेज दिया,
हां क्यूं भेज दिया,
आज कैसे कहें,
देखो उनकी दशा,
फिर भी देते सदा,
हैं दुआ आपको,
दुनिया वालो सुनो।।
दुनिया वालों सुनो,
मेरी इस बात को,
भूल जाना नहीं,
अपने मां बाप को,
जिसने पैदा किया,
जग में हम आपको,
जिसने क़ुर्बा किया,
अपने दिन रात को,
दुनिया वालो सुनो।।
लेखक / प्रेषक – शिव नारायण वर्मा।
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