भगत कित पड़ के सो गया रे भाई क्यों ना खाटू आया लिरिक्स

भगत कित पड़ के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।

तर्ज – बता मेरे यार सुदामा रे।



हर महीने ते आया करता,

प्रेम से हँस बतलाया करता,
हर महीने ते आया करता,
प्रेम से हँस बतलाया करता,
भगत मेरे मन ने मोह गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।
भगत कित पड के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।



तेरा मेरा मेल पुराना,

छोड़या क्यों तने आना जाना,
तेरा मेरा मेल पुराना,
छोड़या क्यों तने आना जाना,
बता दे कित ते खो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।
भगत कित पड के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।



ना आया कोई संदेसा तेरा,

तेरे बिन जी ना लागे मेरा,
ना आया कोई संदेसा तेरा,
तेरे बिन जी ना लागे मेरा,
तने मैं सारे टो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।
भगत कित पड के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।



सुण ले ‘भीमसेन’ मेरी बात,

तेरे ते करनी से मुलाकात,
सुण ले ‘भीमसेन’ मेरी बात,
तेरे ते करनी से मुलाकात,
तू इतना महंगा हो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।
Bhajan Diary Lyrics,

भगत कित पड के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।



भगत कित पड़ के सो गया रे,

भाई क्यों ना खाटू आया।।

स्वर – मोना मेहता जी।


Previous articleमैं ना भूलूंगी श्याम तुम्हारे एहसानों को भजन लिरिक्स
Next articleखाटू वाला श्याम हमारा कलयुग का अवतार लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here