सांवरे को अगर दिल से,
पुकारो दौड़ा आएगा,
तेरी राहों से कांटे चुन,
वो फूलों से सजा देगा,
साँवरे को अगर दिल से पुकारो,
पुकारो दौड़ा आएगा।।
मुझे किस बात की परवाह,
मेरे जब सांवरा संग में,
यही विश्वास है मुझको,
वो अपने रंग में रंग लेगा,
साँवरे को अगर दिल से पुकारो,
पुकारो दौड़ा आएगा।।
अलग ही बात है तेरी,
वो प्यारी खाटू गलियों की,
गुज़र जाता है जो उनसे,
रूबरू तुझको पाएगा,
साँवरे को अगर दिल से पुकारो,
पुकारो दौड़ा आएगा।।
तेरे पागल दीवाने की,
यही है आखिरी अर्ज़ी,
‘सचिन’ भटका हुआ जग में,
तू ही रस्ता दिखाएगा,
साँवरे को अगर दिल से पुकारो,
पुकारो दौड़ा आएगा।।
सांवरे को अगर दिल से,
पुकारो दौड़ा आएगा,
तेरी राहों से कांटे चुन,
वो फूलों से सजा देगा,
साँवरे को अगर दिल से पुकारो,
पुकारो दौड़ा आएगा।।
Singer & Writer – Sachin Sidhyan