नाकोड़ा के भैरव नाथ रहते भक्तो के साथ लिरिक्स

नाकोड़ा के भैरव नाथ,
रहते भक्तो के साथ,
जिसने प्रेम से,
लिया भैरव नाम रे,
उसके बन जाये,
हर काम रे,
नाकोडा के भैरव नाथ।।

तर्ज – मेरे मन में पारस नाथ।



सेवक पार्श्व प्रभु के प्यारे,

जैसे चाँद के संग में तारे,
रहते प्रभु की,
सेवा में आठो याम रे,
जिनका मेवा नगर,
में धाम रे,
नाकोडा के भैरव नाथ।।



जिनके मुख पे बरसे नूर,

बाबा कलयुग में मशहूर,
जिसने जीवन किया,
इनके नाम रे,
उसके बन जाये,
हर काम रे,
नाकोडा के भैरव नाथ।।



संघवी धेवर चंद बलिहारी,

आये भैरव शरण तुम्हारी,
पुत्र रंजीत,
भैरव तेरा दास रे,
देवेश ‘दिलबर’ के बनाये,
हर काम रे,
उसके बन जाये,
हर काम रे,
नाकोडा के भैरव नाथ।।



नाकोड़ा के भैरव नाथ,

रहते भक्तो के साथ,
जिसने प्रेम से,
लिया भैरव नाम रे,
उसके बन जाये,
हर काम रे,
नाकोडा के भैरव नाथ।।

प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन 9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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