झुँझन वाली रानी सती का प्यारा सजा दरबार है भजन लिरिक्स

झुँझन वाली रानी सती का,
प्यारा सजा दरबार है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

तर्ज – क्या मिलिए ऐसे।



झुँझन वाली मैया तेरी,

महिमा अपरम्पार है,
ओढ़ चुनरिया सजधज बैठी,
खूब सज्यो दरबार है,
मेहँदी रची थारे हाथा में,
देखो कईया लाल है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।



मात भवानी की किरपा से,

चाले घर संसार है,
दुखड़ों सारो मिट जावे,
जब लेवा दादी नाम है,
ये दुनिया एक माया नगरी,
चारों तरफ ही जाल है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।



दादी की किरपा की लीला,

देखो सबसे न्यारी है,
पल में भर देती ये झोली,
देर कभी ना लगाती है,
‘निखिल’ शरण में इनके मिलता,
भक्तों को आराम है,
Bhajan Diary,

बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।



झुँझन वाली रानी सती का,

प्यारा सजा दरबार है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

Singer – Nikhil Goel


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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