मैं तेरा शुकर करूँ,
मैं तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ,
आँखे नम हो जाए माँ जब,
बीते कल का ज़िकर करूँ,
अपना आज जो देखूं मैया,
हर पल तेरा शुकर करूँ,
मै तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ।।
बड़ी सुनी है मैया मैंने,
इस दुनिया की बातें,
श्रद्धा भाव से करता रहा,
माँ मैं तेरे जगराते,
भक्ति में शक्ति है अम्बे,
यही सोच के सबर करूँ,
अपना आज जो देखूं मैया,
हर पल तेरा शुकर करूँ,
मै तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ।।
सच्ची ज्योत में मैया मैंने,
दर्शन तेरे पाए,
जिसको आसरा तेरा दाती,
वो काहे घबराये,
तू ही तू दिखती है मैया,
मैं जहाँ पर नज़र करूँ,
अपना आज जो देखूं मैया,
हर पल तेरा शुकर करूँ,
मै तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ।।
माँ तेरे आँचल की शीतल,
छाया मैंने पायी,
सुख सागर की बरखा अम्बे,
तूने है बरसाई,
इतनी कृपा चाहे ‘तानु’,
अच्छे वक़्त की कदर करूँ,
अपना आज जो देखूं मैया,
हर पल तेरा शुकर करूँ,
मै तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ।।
मैं तेरा शुकर करूँ,
मैं तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ,
आँखे नम हो जाए माँ जब,
बीते कल का ज़िकर करूँ,
अपना आज जो देखूं मैया,
हर पल तेरा शुकर करूँ,
मै तेरा जिकर करूँ,
काहे फिकर करूँ।।
स्वर – शीतल पांडेय जी।