जगदम्बा के दीवानो को दरश चाहिए भजन लिरिक्स

जगदम्बा के दीवानो को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए,
हमें माँ तेरी एक,
झलक चाहिए, झलक चाहिए।।

तर्ज – दीवाने है दीवानो को।



दया और ममता का मंदिर है तू,

तुझे क्या पता कितनी सूंदर है तू,
गुलाबों के माँ जैसा मन है तेरा,
हमे माँ तेरे जैसा मन चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए।।



तेरा रूप सबसे सुहाना लगे,

बिना भक्ति के जी कही ना लगे,
माँ भक्ति में तेरे हम डूबे रहे,
हमें ऐसा तुझसे माँ वर चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए।।



कई दैत्य तुमने पछाड़े है माँ,

तेरा शेर रण में दहाड़े है माँ,
तू काली नवदुर्गा तू ज्वाला है माँ,
हमे माँ तेरी ही शरण चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए।।



तू पर्वत तू नदियां तू धरती है माँ,

तू पाताल अम्बर सितारों में माँ,
तेरी इन भुजाओं में सृष्टि है माँ,
हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए।।



जगदम्बा के दीवानो को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए,
हमें माँ तेरी एक,
झलक चाहिए, झलक चाहिए।।

स्वर – मुकेश बागड़ा जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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