पी ले राम रस घुटी म्हारा मनवा सिंगाजी भजन

पी ले राम रस घुटी,
म्हारा मनवा,
पी लें राम रस घुटी,
थारा जीवन की रेलगाड़ी छुटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।



भाई बंधु और कुटुम्ब कबीला,

एक दिन रिश्तेदारी टूटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।



धन दौलत ओर माल खजाना,

एक दिन जाए सब छूटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।



गई रे जवानी पीछे लग्यो बुढ़ापो,

थारी खोटी आदत नही छूटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।



कहे कबीरा सुण भाई साधो,

थारी आवागमन सब मिटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।



पी ले राम रस घुटी,

म्हारा मनवा,
पी लें राम रस घुटी,
थारा जीवन की रेलगाड़ी छुटी,
मनवा पी लें राम रस घुटी।।

प्रेषक – घनश्याम बागवान सिद्दीकगंज (मगरदा)
7879338198


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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