गजानंद दाता करू मैं प्रणाम आरती उतारू में सुबह और शाम

गजानंद दाता करू मैं प्रणाम,
आरती उतारू में सुबह और शाम।।



चार भुजाधारी ओर मूसक सवारी,

चंदन तिलक लगाऊँ महाराज,
आरती उतारू में सुबह और शाम।।



मोदक लाडू देवा पूजा है तुम्हारी,

रुचिरुचि भोग लगाओ महाराज,
आरती उतारू में सुबह और शाम।।



माता जिनकी पार्वती उनका बड़ानाम,

है पिता शिवशंकर वो जगमें महान,
आरती उतारू में सुबह और शाम।।



गजानंद दाता करू मैं प्रणाम,

आरती उतारू में सुबह और शाम।।

प्रेषक – घनश्याम बागवान।
7879338198


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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