नाकोड़ा के मंदिर में,
भक्त जो भी आता है,
भेरूजी से रिश्ता वो,
पल में जोड़ जाता है।।
तर्ज – आदमी मुसाफिर है।
धाम नाकोड़ा का जग में निराला,
धाम नाकोड़ा का जग में निराला,
जाये जो भक्त वो है किस्मतवाला,
जाये जो भक्त वो है किस्मतवाला,
फिर वो धाम हर बार आता है,
नाकोड़ा के मंदिर मे,
भक्त जो भी आता है।।
घर घर में सेवा पूजा तुम्हारी,
घर घर में सेवा पूजा तुम्हारी,
तुमसे ही रोशन दुनिया हमारी,
तुमसे ही रोशन दुनिया हमारी,
इनकी शरण में जो जाता है,
नाकोड़ा के मंदिर मे,
भक्त जो भी आता है।।
नाकोड़ा के मंदिर में,
भक्त जो भी आता है,
भेरूजी से रिश्ता वो,
पल में जोड़ जाता है।।
गायक – दिलीप बाफना।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. मो. 9907023365