आज मेरे सतगुरु को घर लाऊँ भजन लिरिक्स

आज मेरे सतगुरु को घर लाऊँ,

दोहा – साधन भोजन प्रीत से,
और दीजे साधु बुलाय,
जीवत जस ही जगत में,
अंत परम् पद पाय।
जिस घर सेवा साधु की,
करे प्रीति और भाव,
जाका भाग सरावीए,
चढ़े सत की नाव।



आज मेरे सतगुरु को घर लाऊँ,

चरण खोळ चरणामृत लेऊँ,
सिंघासन बिठाउँ,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।



चंदन से चौका निपाउँ,

मोतिया चोक पुराऊं,
निरियल पान सुपारी केला,
फल अनेक चढ़ाऊँ,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।



शब्द मिटाय विविध बातन की,

थाल माही भराउं,
अमृत जल झारी ले प्रेम से,
सतगुरु को जिमाउँ,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।



कंचन थाल कपूर की बाती,

आरती साज सजाऊँ,
तन मन धन निसरावल करके,
आरती मंगल गाउँ,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।



धर्मीदास विनय कर जोड़ी,

भक्ति दान पद पाऊँ,
सायब कबीर सा मिलिया गुरु समर्थ,
सुख सागर में नहाऊं,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।



आज मेरे सतगुरु को घर लाऊ,

चरण खोळ चरणामृत लेऊँ,
सिंघासन बिठाउँ,
आज मेरे सतगुरु को घर लाऊं।।

गायक – मोहन राम अणकिया।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


Previous articleगुरुजी रा शब्द अमोल खबर पड़ी जिसने लियो रे
Next articleराम सुमर रे प्राणिया भूले रे मत भाई भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here