सुन्दर कहलाते जो इस जग के नज़ारे है भजन लिरिक्स

सुन्दर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं,
तेरी चुनरी में हे माँ,
वो चाँद सितारे हैं,
सुंदर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं।।

तर्ज – गुरुदेव दया करके।



पूरब में सूरज की,

लाली जब छाती है,
लगता चुनरी ओढ़े,
तू धरती पे आती है,
तेरी ही आभा के,
ये सारे उजारे है,
सुंदर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं।।



चमकीली ये मणिया,

फीकी पड़ जाती हैं
भावो से भरी चुनरी,
में जब सज जाती हैं,
तारों के लटकन से,
जड़े इसके किनारे हैं,
सुंदर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं।।



जब मन तेरे दर्शन को,

मैया ललचाता है,
चुनरी के रंग में ही,
चंदा रंग जाता है,
आजा ओढ़न को माँ,
‘आकाश’ पुकारे है,
सुंदर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं।।



सुन्दर कहलाते जो,

इस जग के नज़ारे हैं,
तेरी चुनरी में हे माँ,
वो चाँद सितारे हैं,
सुंदर कहलाते जो,
इस जग के नज़ारे हैं।।

Singer – Neelkant Modi


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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