मधुर सुर बोल रे कागा मीरा रो मन राम से लागा

मधुर सुर बोल रे कागा,
मीरा रो मन राम से लागा,
गुरु मिठो बोल रे कागा,
बाई रो मन राम से लागा।।



मुकुट सोवे मोर की पखड़ी,

गले मो सोवे सांप री रखड़ी,
मधुर सुर बोंल रे कागा,
बाई रो मन राम से लागा।।



सावरिया थे बाग में जाती,

फूलो री भरे साबड़ी लाती,
मधुर सुर बोंल रे कागा,
बाई रो मन राम से लागा।।



सावरिया थारो पंथड़ो भारी,

कटारी म्हारे कालजे लगी,
मधुर सुर बोंल रे कागा,
बाई रो मन राम से लागा।।



बाई रो जस सूरदास गावे,

चरण कमल लिपटावे,
गुरु मिठो बोल रे कागा,
मीरा रो मन राम से लागा।।



मधुर सुर बोल रे कागा,

बाई रो मन राम से लागा,
गुरु मिठो बोल रे कागा,
मीरा रो मन राम से लागा।।

Upload By – Bhavesh Jangid
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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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