आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना।
(तर्ज :- मेँहदी लगा के रखना …)
आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना।
आयेँगे बजरंग बली, सिन्दूर मिलाके रखना॥
आसन …
वीर बड़ा बलकारी, शिव शंकर का अवतारी।
सियाराम का है प्यारा, भक्तोँ का हितकारी।
महावीर बजरंगी, संकट मोचन कहलाते।
भक्तोँ के सदा सहाई, दुष्टोँ को मार भगाते।
इनपे भरोसा रखना, ध्यान दिल से धरना॥१॥
आयेँगे … आसन …
साथ राम का निभाया, यश जग मेँ फैलाया।
गढ़ लंका मेँ जाकर, सिया को राम से मिलाया।
बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी, माया न इनकी समझ पाये।
दुख दर्द जायेँ उसके, आकर जो इन्हेँ सिन्दूर चढाये।
चरणोँ मेँ सर को रखना, विश्वास मन मेँ रखना॥२॥
आयेँगे … आसन …
रिश्ते नाते सब छोड़के, नाता हनुमत से जोड़ले।
करके सुमिरन प्रेम से, भव बन्धन को तोड़ले।
दयालु बड़े हैँ ये बाबा, कृपा तुझपे कर देँगे।
भण्डार खुला है इनका, झोली ‘खेदड़’ की भरेँगे।
झोली फैलाये रखना, अंखियां बिछाये रखना॥३॥
आयेंगे … आसन …
आसन लगाके रखना, अंगना सजाके रखना।
आयेँगे बजरंग बली, सिन्दूर मिलाके रखना॥
आसन …Bhajan By “PKhedar”