कलयुग में एक धाम ज्यारो़ नाम गुलर गंगा है

कलयुग में एक धाम ज्यारो़,
नाम गुलर गंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



ढिंगसरी नीज गांव कहायो,

बा बसती बड भागी है,
जांगीड़ कुल मे जन्म लीयो,
भक्ती पुरबली जागी है,
काशीपुरी जी नाम कहायो,
काशीपुरी जी नाम कहायो,
रंग हरी का रंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



गुलर में कैलाश बनाई,

ऊंची पाल बिराजे है,
सुबह शाम तो होवे आरती,
ढोल नगारा बाजे है,
संत खड़ा जयकार करे सब,
संत खड़ा जयकार करे सब,
हाथ लीये मृदंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



दुनिया सब दर्शन की खातिर,

गुलर गंगा आ्वे है,
बालक बुढा ओर नर नारी,
दर्शन कर सुख पावे है,
बाबोजी का दर्शन करके,
बाबोजी का दर्शन करके,
दुखी काया भंगा,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



देशपती और राजा महाराजा,

सब बाबे ने निवण करे,
परदेशा मे जो भी भक्त गण,
सब की आशा पुर्ण करे,
कलयुग मे एक मुर्त जागी,
कलयुग मे एक मुर्त जागी,
भक्ती का उपंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



गुलर जाओ दर्शन पाओ,

बा भक्ती की माया है,
किशना राम गुरु के शरणे,
बुद्धि स्वरूप यश गाया,
जंगल मे मंगल बनाया,
जंगल मे मंगल बनाया,
ज्यूँ तीरथ में गंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।



कलयुग में एक धाम ज्यारो़,

नाम गुलर गंगा है,
गुलर में महाराज बिराजे,
ज्यारा दरशन‌‌ चंगा है।।

Upload By – Ramawtar Jangir
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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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