शिव विवाह राजस्थानी कथा लिरिक्स,
अरे सिवरू माता शारदा ने,
गणपत लागू पाँव मुषेरा असवारी,
गणपत लागू पाँव मुषेरा असवारी,
अरे रिद्धि ने सिद्धी रा ध्यावु देवता रे ओ जी,
अरे शिव शंकर रो ब्यावलो रे,
सुनजो सिरजनहार शिव भोला बम लहरी,
सुनजो सिरजनहार शिव भोला बम लहरी,
अरे महिमा रे गावा मै भोलेनाथ री रे ओ जी।।
एक समय री केवु वार्ता,
कैलाश पर्वत माय सुनजो नर नारी,
कैलाश पर्वत माय सुनजो नर नारी,
अरे भोले शंभु तो केवन लागीया रे ओ जी,
अरे बारह साल में बैठु ध्यान में,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
अरे तेरवे वर्ष तप खोल सु रे ओ जी।।
केवे उमा सुनो शिवजी,
एक हमारी बात सुनो शिव बम लहरी,
एक हमारी बात सुनो शिव बम लहरी,
अरे म्हारे मनडा री केवु बातडी रे ओ जी,
अरे थे बैठो शिवजी ध्यान में रे,
मै जाऊँ मृत्यु लोक सुनो शिव बम लहरी,
मै जाऊँ मृत्युलोक सुनो शिव बम लहरी,
अरे मृत्यु रे लोका मे अवतार लेवसु रे ओ जी।।
अरे भोलेनाथ जी बैठा ध्यान में,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
अरे ध्यान तो लगायो भोलेनाथ जी रे ओ जी,
अरे उमा लेवे अवतार शिव भोला बम लहरी,
उमा लेवे अवतार शिव भोला बम लहरी,
अरे मृत्यु रे लोक में अवतार लेवीया रे ओ जी।।
अरे अंग भभुती लगावे शिवजी,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
कैलाश पर्वत माय शिव भोला बम लहरी,
अरे गले में बिराजे नाग देवता रे ओ जी,
अरे बैल नान्दीये चढे शिवजी,
नंदी रा असवार शिव भोला बम लहरी,
नंदी रा असवार शिव भोला बम लहरी,
अरे जटा मे बिराजे गंगा मात जी रे ओ जी।।
अरे माथे चन्द्रमा काना कुण्डल,
त्रिशूल हाथा माय शिव भोला बम लहरी,
त्रिशूल हाथा माय शिव भोला बम लहरी,
अरे डमरू तो बजावे भोलो हाथ में रे ओ जी,
अरे आक धतूरा भांग चढावे,
अमला री मनवार शिव भोला बम लहरी,
अमला री मनवार शिव भोला बम लहरी,
अरे बेल पतरी चढावे भोलेनाथ रे ओ जी।।
ओ म्हारा भाईडा नगर उज्जैनी मायने,
ओ म्हारा भाईडा नगर उज्जैनी मायने,
ओ म्हारा भाईडा राजा हिमाचल राज,
म्हारा भाईडा राजा हिमाचल राज,
म्हारा भाईडा नगर उज्जैनी मायने,
नगर उज्जैनी राजा रे कन्या जन्मी,
नगर उज्जैनी होयो उमा रो अवतार,
उज्जैनी होयो उमा रो अवतार,
राजा घर कन्या जन्मी।।
राजा हिमाचल ब्राह्मण पंडित बुलावीया,
राजा हेमाजल ब्राह्मण पंडित बुलावीया,
ब्राह्मण पंडित देवे पार्वता नाम,
पंडित जी देवे पार्वता नाम,
पंडित जी गवर पार्वता नाम दीयो,
देव नारद जी कैलाश पर्वत चालीया,
देव नारदजी कैलाश पर्वत चालीया,
देव नारदजी जावे शिवजी पास,
नारदजी जावे शिवजी पास,
नारदजी नारद ऊबा अरज करे।।
देव नारदजी शिव शंकर सु बोलीया,
देव नारदजी शिव शंकर सु बोलीया,
ओ भोलेनाथ जी उमा रा दर्शन करावो,
भोलेनाथ जी नारद ऊबा अरज करे,
ओ नारदजी मन में दुख भयो बात सुनी,
ओ नारदजी मन में दुख भयो बात सुनी,
ओ नारदजी विपदा मापर आयी नारदजी,
विपदा मापर आयी नारदजी,
थाने मै काई बात कहूँ।।
ओ नारदजी वर्ष द्वादश होवीया,
ओ नारदजी वर्ष द्वादश होवीया,
ओ नारदजी अमिया नजर नहीं आयी,
ओ नारदजी अमिया नजर नहीं आयी,
नारदजी कैलाश पर्वत मायने,
ओ नारदजी जावो थे पतो रे लगावजो,
ओ नारदजी जावो थे पतो रे लगावजो,
ओ नारदजी अमिया किना रे घर जाई,
ओ नारदजी अमिया किना रे घर जाई,
नारदजी पतो रे लगाय वेगा आवजो।।
देव नारदजी कैलाशा सु चालीया,
देव नारदजी कैलाशा सु चालीया,
देव नारदजी जावे बेमाता रे पास,
नारदजी जावे बेमाता रे पास,
नारदजी हाथ जोडने बोलीया,
ओ बेमाता एक बतावो म्हाने बातडी,
ओ बेमाता एक बतावो म्हाने बातडी,
ओ बेमाता अमिया किना रे घर जाई,
बेमाता अमिया किना रे घर जाई बेमाता,
उनरी बतावो म्हाने बातडी।।
ओ नारदजी नगर उज्जैनी मायने,
ओ नारदजी नगर उज्जैनी मायने,
ओ नारदजी राजा हिमाचल घर नारदजी,
राजा हिमाचल घर ओ नारदजी,
अमिया वटे जन्म लियो,
देव नारदजी कैलाशा सु चालीया,
देव नारदजी कैलाशा सु चालीया,
देव नारदजी आया मृत्युलोक माय,
नारदजी आया मृत्युलोक माय,
नारदजी नगर उज्जैनी आवीया।।
देव नारदजी नगर उज्जैनी आवीया,
देव नारदजी नगर उज्जैनी आवीया,
देव नारदजी मीठी तान बजाई,
नारदजी मीठी तान बजाई,
देव नारद राजा रो मनडो मोवीयो,
नगर राजा जी हलकारा सु बोलीया,
नगर राजाजी हलकारा सु बोलीया,
नगर राजाजी बोले थे जावो बागा माय,
हलकारा जावो थे बागा माय,
ओ हलकारा उनने दरबार ले आवो।।
देव नारदजी बैठा बागा मायने,
देव नारदजी बैठा बागा मायने,
केवे हलकारा बात रे नारदजी,
केवे हलकारा बात रे नारदजी,
राजा रे बुलावे राज महला मे,
देव नारदजी केवे हलकारा ने बातडी,
देव नारदजी केवे हलकारा ने बातडी,
देव नारदजी केवे राजा ने बुलावो हलकारा,
केवे राजा ने बुलावो हलकारा बागा,
बागा बैठा नारद आयने।।
बात सुन हलकारा चालीया रे महला मायने,
बात सुन हलकारा चालीया महला मायने,
केवे राजा ने बात हलकारा,
केवे राजा ने बात हलकारा,
तान बजाई नारद देवजी,
बात सुन राजा दौड्या आया बागा मायने,
बात सुन राजा दौड्या आया बागा मायने,
ओ नारद देवजी चालो थे महला माय,
ओ नारदजी चालो थे महला माय,
नारदजी राजा ऊबा अरज करे।।
राजा हिमाचल नारद आया महला मायने,
राजा हेमाजल नारद आया महला मायने,
राजा हिमाचल आरती ओ उतरावे ओ नारद री,
आरती ओ उतरावे नारद री,
भला आया मापर महरी करी,
राजा हिमाचल नारदजी सु बोलीया,
राजा हिमाचल नारदजी सु बोलीया,
ओ देव नारद किन विद आप पधारीया,
देव नारद किन विद आप पधारीया,
देव नारद साची बतावो म्हाने बातडी।।
देव नारदजी राजाजी सु बोलीया,
देव नारदजी राजाजी सु बोलीया,
ओ सुनो राजा गवरा री करदो सगाई,
सुनो राजा गवरा री करदो सगाई,
सुनो राजा देव नारद यु बोलीया,
राजा हिमाचल खुशी होयने बोलीया,
राजा हिमाचल खुशी होयने बोलीया,
ओ देव नारद लडको आप बतावो,
देव नारद लडको आप बतावो,
देव नारद गवरा री करदो सगाई जी।।
ओ सुनो राजा होनहार बलवान है,
ओ सुनो राजा होनहार बलवान है,
ओ सुनो राजा नाथ कैलाशा माय,
सुनो राजा नाथ कैलाशा रे,
माय सुनो राजा शिव शंकर महादेवजी,
राजा हिमाचल बात सुनी जद नारद री,
राजा हिमाचल बात सुनी जद नारद री,
राजा हिमाचल तन आग लागी भारी रे,
राजा रे तन आग लागी भारी,
राजा रे नारद सु यु बोलीया।।
ओ देव नारद ब्रह्म पुत्र नही होवता,
ओ देव नारद ब्रह्म पुत्र नही होवता,
ओ देव नारद काडतो मै प्राण अटे थारा,
काडतो मै प्राण मै थारा,
पाछा जावो म्हारे महला सु,
राजा हिमाचल नारद ने धक्को रे दियो,
राजा हिमाचल नारद ने धक्को रे दियो,
राजा हेमाजल लातो मारी दोय चार रे,
राजाजी लातो मारी दोय चार,
राजाजी नारद मुनि रो अपमान कियो।।
देव नारदजी उज्जैनी सु चालीया,
देव नारदजी उज्जैनी सु चालीया,
देव नारदजी आया कैलाशा रे माय,
नारदजी आया कैलाशा रे माय,
नारदजी शिवजी रे आगे निवन करे,
शिव भोला लहरी नारदजी सु बोलीया,
शिव भोला लहरी नारदजी सु बोलीया,
ओ नारदजी काई थे खबरा लाया नारदजी,
काई थे खबरा लाया ओ नारदजी,
केवो थे मनडे री बातडी।।
ओ शिव शंकर काई बतावु थाने बातडी,
ओ शिव शंकर काई बतावु थाने बातडी,
ओ शिव शंकर मापर आपद आयी शिव शंकर,
मापर आपद आयी शिव शंकर,
अपमान करायो उज्जैनी मे,
ओ शिव शंकर सेवा राजा म्हारी खूब करी,
ओ शिव शंकर सेवा राजा म्हारी खूब करी,
ओ शिव शंकर आरतीया उतराई शिव शंकर,
आरतीया उतराई शिव शंकर,
नगर उज्जैनी मायने।।
ओ शिव शंकर थोरोडो जद नाम लियो,
ओ शिव शंकर थोरोडो मै जद नाम लियो,
ओ शिव शंकर लातो मारी दोय चार शिव शंकर,
लातो मारी दोय चार शिव शंकर,
धक्का रे लगाया म्हारे मोकला,
ओ भोला लहरी क्रोधित हुआ मन मायने,
ओ भोला लहरी क्रोधित हुआ मन मायने,
ओ शिव भोला घट में क्रोध नी समाय भोला लहरी,
घट में क्रोध नी समाय शिव शंकर,
कैलाश पर्वत मायने।।
शिव भोला लहरी हुक्म दिनो बिच्छूडो ने,
शिव भोला लहरी हुक्म दियो बिच्छूडो ने,
शिव भोला केवे जावो उज्जैनी माय,
बिच्छूडो जावो उज्जैनी माय,
बिच्छूडो डंक लगावो नगरी लोग रे,
नगर उज्जैनी बिच्छूडो री फौज चली,
नगर उज्जैनी बिच्छूडो री फौज चली,
नगर उज्जैनी सगला रे डंक लगावे बिच्छूडा,
सगला रे डंक लगावे बिच्छूडा,
बिच्छू आया उज्जैनी में।।
नगर उज्जैनी घर घर बिच्छू घुसीया,
नगर उज्जैनी घर घर बिच्छू घुसीया,
नगर उज्जैनी भगदड़ खूब मचाई उज्जैनी,
भगदड़ खूब मचाई उज्जैनी,
सगली प्रजा कुर लावीया,
सारी प्रजा तो दौडी दौडी महला आयगी,
सारी प्रजा तो दौडी दौडी महला आयगी,
राजा सु यु केवे रे प्रजा तो,
राजा सु यु केवे रे प्रजा तो,
राजा प्राण बचाय लिजो।।
बिच्छूडा तो राज भवन में पहुँचीया,
बिच्छूडा तो राज भवन में पहुँचीया,
राजा हिमाचल मन ही मन घबराय,
राजा तो मन ही मन घबराय,
राजा तो बिच्छू डंक लगावीयो,
ओ राजाजी रानी केवे थाने बातडी,
ओ राजाजी रानी केवे थाने बातडी,
ओ राजाजी सुनलो थे म्हारी बात,
राजाजी सुनलो थे म्हारी बात,
राजाजी केवु मनडे थाने बातडी।।
ओ राजाजी देव नारद रो अपमान कियो,
ओ राजाजी देव नारद रो अपमान कियो,
ओ राजाजी शिवजी क्रोध रे माय,
राजाजी शिवजी क्रोध रे माय राजाजी,
शिव रो ध्यान लगावजो,
ओ राजाजी आपरी गवरा पार्वती,
ओ राजाजी आपरी गवरा पार्वती,
ओ राजाजी शंकर ने परणावो,
पार्वती शंकर ने परणावो पार्वती,
शिव शंकर रो ध्यान धरो।।
राजा हिमाचल ऊबा नारद ने अरज करे,
राजा हिमाचल ऊबा नारद ने अरज करे,
ओ नारदजी मापर महर करावो नारदजी,
मापर महर करावो नारदजी,
उज्जैनी वेगा पधारजो,
देव नारदजी आया उज्जैनी मायने,
देव नारदजी आया उज्जैनी मायने,
देव नारद ने देख राजा हर्षाया रे,
देख नारद ने हर्षाया,
राजाजी माफी बकसावो नारद देवजी।।
देव नारदजी मीठी मीठी तान बजावीया,
देव नारदजी मीठी मीठी तान बजावीया,
नगर उज्जैनी बिच्छू अलोप हो जाय,
उज्जैनी बिच्छू अलोप हो जाय,
उज्जैनी नारद लीला रचावीया,
राजा हिमाचल ब्राह्मण पंडित बुलावीया,
राजा हिमाचल ब्राह्मण पंडित बुलावीया,
राजा हिमाचल रे ब्राह्मण पंडित आया,
राजा रे ब्राह्मण पंडित आया,
राजाजी शिव रा लगन लिखावीया।।
राजा हिमाचल सावो पंडित जी ने देवीयो,
राजा हिमाचल सावो पंडित जी ने देवीयो,
ब्राह्मण पंडित जावो कैलाशा माय पंडित जी,
जावो कैलाशा रे माय पंडित जी,
सावो जेलाय वेगा आवजो,
ब्राह्मण पंडित सावो लेने चालीया,
ब्राह्मण पंडित सावो लेने चालीया,
ब्राह्मण पंडित ने बीच में नींद आ गई,
पंडित ने बीच में नींद आ गई,
पंडित ने नींद खुली कैलाशा में।।
ब्राह्मण पंडित कैलाश पर्वत मायने,
ब्राह्मण पंडित कैलाश पर्वत मायने,
ब्राह्मण पंडित देख नजारों बोल पंडित जी,
देख नजारों बोल पंडित जी,
कुणसी जगह म्हाने लावीया,
देव नारदजी पंडित जी सु बोलीया,
देव नारदजी पंडित जी सु बोलीया,
देव पंडित जी थेतो कैलाशा रे माय,
पंडित जी थे तो कैलाशा माय,
पंडित जी शंकर ध्यान में पोढिया।।
ब्राह्मण पंडित नारदजी सु बोलीया,
ब्राह्मण पंडित नारदजी सु बोलीया,
देव नारदजी लडकों देवो बताय,
नारदजी लडको देवो बताय,
नारदजी सावो रे उनने जेलावनो,
देव पंडित जी अंग भभुती भस्मीरमे,
देव पंडित जी अंग भभुती भस्मीरमे,
देव पंडित शेषनाग गले माय पंडित जी,
शेषनाग गले माय पंडित जी,
बैठा शिव कैलाशपति।।
ब्राह्मण पंडित सावो शिव ने जेलावीयो,
ब्राह्मण पंडित सावो शिव ने जेलावीयो,
ब्राह्मण पंडित तय तिथि बतावे पंडित जी,
तय तिथि बतावे पंडित जी,
शुभ घड़ी शुभ वार ने,
देव नारदजी शिव शंकर सु बोलीया,
देव नारदजी शिव शंकर सु बोलीया,
ओ शिव शंकर काई दक्षिणा देवो,
शिव शंकर काई दक्षिणा देवो शिव शंकर,
झोली भर पत्थर देवे।।
ब्राह्मण पंडित पत्थर री मोटी गांठ बांधी,
ब्राह्मण पंडित पत्थर री मोटी गांठ बांधी,
ब्राह्मण पंडित सोचे मन रे माय,
पंडित जी सोचे मन रे माय पंडित जी,
राजा ने काई बात कहूँ,
देव नारदजी पंडित जी सु बोलीया,
देव नारदजी पंडित जी सु बोलीया,
थोडो विश्राम करो पंडित जी,
थोडो विश्राम करो पंडित जी,
पंडित जी री आँख लगीं।।
ब्राह्मण पंडित आँख खुली उज्जैनी मे,
ब्राह्मण पंडित आँख खुली उज्जैनी मे,
ब्राह्मण पंडित ने आयो अचंभो भारी रे,
पंडित ने आयो अचंभो भारी रे,
पंडित ने लीला गजब रचाई जी,
राजा हिमाचल द्वारे पंडित आविया,
राजा हिमाचल द्वारे पंडित आविया,
राजा हिमाचल ने सारी बात बतावे ओ पंडित जी,
सारी बात बतावे पंडित जी,
पत्थर री पंडित गांठ खोली।।
ब्राह्मण पंडित गांठ खोली राज महला मे,
ब्राह्मण पंडित गांठ खोली राज महला मे,
ब्राह्मण पंडित रे हीरा पन्ना झोली माय,
पंडित रे हीरा पन्ना झोली माय,
पंडित रे राजा तो मन में विचार कियो,
शिव शंकर जी बैठा ध्यान रे मायने,
शिव शंकर जी बैठा ध्यान रे मायने,
शिव शंकर जी एक पल ध्यान हटावे,
शिव शंकर एक पल ध्यान हटावे,
शिव शंकर सावो खोलेने देखीयो।।
शिव शंकर जी सावो देखेने हैरित हुआ,
शिव शंकर जी सावो देखेने हैरित हुआ,
शिव शंकर रे लगन मे एक दिन बाकी रे,
शंकर रे लगन मे एक दिन बाकी,
शंकर रे कुची लगावे भोलेनाथ जी,
शिव शंकर जी नंदी पर असवार हुआ,
शिव शंकर जी नंदी पर असवार हुआ,
शिव भोला लहरी चाल्या उज्जैनी माय,
शिव शंकर चाल्या उज्जैनी मायने।।
शिव शंकर जी नंदी सु यु बोलीया,
शिव शंकर जी नंदी सु यु बोलीया,
ए नंदी थे बैठो हमारी पीठ,
थे नंदी बैठो हमारी पीठ,
नंदी रास्तो कोनी कट्यो जाय जी,
शिव शंकर जी नंदी ने पीठ बैठावीया,
शिव शंकर जी नंदी ने पीठ बैठावीया,
शिव शंकर जी दौड़ लगाई अब जोर,
शिव शंकर दौड़ लगाई अब जोर,
शिव शंकर आया उज्जैनी मायने।।
शिव आया उज्जैनी मे,
बागा मे डेरो लगाई जी,
गवर पार्वता री सखी सहेलियाँ,
बनडो निरखन आयी जी,
गवर पार्वता री सैया एतो,
नंदी ने रिजावे जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे शिवजी बैठा ध्यान में रे,
पलके ध्यान हटाई जी,
अरे नंदी ने रिजावे सहेलियाँ,
शिवजी क्रोध खायी जी,
अरे सत्त भभुती लेने शिवजी,
सहेलियाँ सामी फेकें जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे गवर पार्वता री सहेलियाँ तो,
दौडी महला जावे जी,
अरे गवर पार्वता सु बोली सहेलियाँ,
सुनजो ध्यान लगाई जी,
अरे अंग भभुती लगाय बैठा,
नाग गले में काला जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे सहेलियाँ री बात सुनी जद,
गवरा बागा जावे जी,
अरे शिव शंकर ने देख पार्वता,
मन ही मन मुस्कावे जी,
अरे आ कई सूरत बनाई आपरी,
झटके बींद बनाई जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे बैठा बुलावे जाण बनावो जी,
अरे शिव शंकर तो शंख बजायो,
तीन लोक गूंजायी जी,
अरे ब्रम्हा विष्णु बनीया बाराती,
जाण बनाई न्यारी जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे होवे घोडा गाडा घनेरा,
नंदी पर असवारी जी,
अरे शिव शंकर जी बनडो बनीया,
निरखे गवरा नारी जी,
अरे लोग लुगाया गीत गावे,
शिवजी डमरू बजावे जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे शिव शंकर जी तोरन आया,
सासु शिव ने बधावे जी,
अरे सोने सिडकीया तोरन बांधी,
सखीया गीत गावे जी,
अरे सोना रूपा री चवरी मांडी,
नगर उज्जैनी माय जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे शिव शंकर जी चवरी मे आया,
ब्राह्मण वेद गावेे जी,
अरे झटपट जोशी मंत्र बोले,
शिवजी फेरा गावे जी,
अरे गवर पार्वता री सखी सहेलियाँ,
हिलमिल मंगल गावे जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे शिव शंकर जी फेरा फरीया,
नगर उज्जैनी माई जी,
अरे राजा हेमाजल दान दिरावे,
शिवजी मन मुस्कावे जी,
राजा हेमाजल सीख दिरावे,
सखीया मंगल गावे जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
अरे गवर पार्वता रे संग ले चाल्या,
शिवजी कैलाशा माई जी,
हिमाचल री जाई रे गवरा,
शिवजी ने परणाई।।
गायक – चुन्नीलाल जी राजपुरोहित।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818