महाकाल की बस्ती में,
तकदीर मुझे ले चल।।
उज्जैन में हर रंग के,
दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से,
बेगाने मिलेंगे,
हर ओर से आते है,
दर्शन को सब भगत,
मेरे बाबा महाकाल,
के दीवाने मिलेंगे,
तकदीर मुझे ले चल,
महाकाल की बस्ती में,
ये उमर गुजर जाए,
महाँकाल की बस्ती में,
तकदीर मुझे ले चल।।
क्या जाने कोई क्या है,
महाकाल का दरबारा,
सबसे बड़ा है जग में,
महाकाल का दरबारा,
बैठा है धुनि धारे,
महाकाल मेरा बाबा,
बम बम अलख जगाए,
महाकाल मेरा बाबा,
लम्बी लगी कतारे,
भस्म आरती की देखो,
दूल्हा बना हुआ है,
महाकाल मेरा बाबा,
तकदीर मुझे ले चल,
महाँकाल की बस्ती में,
ये उमर गुजर जाए,
महाँकाल की बस्ती में,
तकदीर मुझे ले चल।।
भस्मी लगाए बैठा,
महाकाल मेरा बाबा,
भुजंग गले में डाले,
महाकाल मेरा बाबा,
कालो का काल है जी,
महाकाल मेरा बाबा,
सबसे निहाल है जी,
महाकाल मेरा बाबा,
तारे करम से सबको,
महाकाल मेरा बाबा,
काटे जो काल सबके,
महाकाल मेरा बाबा,
तकदीर मुझे ले चल,
महाँकाल की बस्ती में,
ये उमर गुजर जाए,
महाँकाल की बस्ती में,
तकदीर मुझे ले चल।।
मेरी भी कामना है,
महाकाल के दर जाऊं,
जीवन वहीँ गुजारूं,
कभी लौट के ना आऊं,
करूँ सेवा महाकाल की,
जीवन सफल बनाऊं,
चौखट पे महाकाल की,
सर अपना मैं झुकाऊं,
बस रात दिन भजन मैं,
महाकाल के ही गाउँ,
दुनिया को भूल जाऊं,
महाकाल की हो जाऊं,
तकदीर मुझे ले चल,
महाँकाल की बस्ती में,
ये उमर गुजर जाए,
महाँकाल की बस्ती में,
तकदीर मुझे ले चल।।
Singer – Shahnaaz Akhtar
Bhut hi mast rom rom me ek bhakti ka nashachha gya