महक उठा है जीवन जबसे,
मिल गए सेठ सांवरिया।
दोहा – आह क्या आह की,
तासीर यही बनती है,
ख्वाब क्या ख्वाब की,
तस्वीर यही बनती है,
सर झुका दे बाबा की,
चौखट पे जो तू,
जो बिगड़ जाए वो,
तक़दीर यही बनती है।
महक उठा है जीवन जबसे,
मिल गए सेठ सांवरिया,
जबसे श्याम धणी ने फेरी,
जबसे श्याम धणी ने फेरी,
रहमत की नजरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
बदल दिया है जीवन मेरा,
बाबा लखदातारी ने,
बाबा लखदातारी ने,
लगा लिया अपनी सेवा में,
कलयुग के अवतारी ने,
कलयुग के अवतारी ने,
अपनी करुणा से भर दिनी,
अपनी करुणा से भर दिनी,
जीवन की गगरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
हार गया जब इस दुनिया से,
श्याम से अर्जी लगाई थी,
श्याम से अर्जी लगाई थी,
डगमग नैया डोल रही मेरी,
भवर बीच लहराई थी,
भवर बीच लहराई थी,
माझी बन ली बचा श्याम ने,
माझी बन ली बचा श्याम ने,
सेवक की नवरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
सारे रिश्ते नाते देखे,
अब दुनिया की चाह नहीं,
अब दुनिया की चाह नहीं,
सच्चा साथी श्याम मिला है,
अब कोई परवाह नहीं,
अब कोई परवाह नहीं,
बाँध के घुंघरू छम छम नाचू,
बाँध के घुंघरू छम छम नाचू,
ओढ़ के प्रेम चुनरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
भक्त और भगवान का रिश्ता,
जनम जनम तक टूटे ना,
जनम जनम तक टूटे ना,
‘किशन’ प्राण तन से छुटे पर,
प्रेम का बंधन टूटे ना,
प्रेम का बंधन टूटे ना,
दीनानाथ दया के सागर,
दीनानाथ दया के सागर,
अब तो ले लो खबरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
महक उठा है जीवन जबसे,
मिल गए सेठ सांवरिया,
जबसे श्याम धणी ने फेरी,
जबसे श्याम धणी ने फेरी,
रहमत की नजरिया,
महक उठा है जीवन जबसें,
मिल गए सेठ सांवरिया।।
Singer – Kumar Manish Brijwasi