गौरा भांग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी,
भोले भांग तो सर पे चढ़ जा,
बन जावे बुरी बिमारी।।
भूल गईं अपना कथन,
याद नहीं क्या वादा है,
भूली नहीं याद मुझे,
तेरी सेवा करने का वादा है,
जरा मेरी बात समझ लें,
नशा ठीक नहीं है भारी,
गौरा भाग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी।।
देवो में तुम सब से अलग,
क्यों रोग बुरा ये पाला है,
हम है योगी सच्चे जोगी,
जो पिते भाग का प्याला है,
जल्दी से तैयारी कर लें,
तू बात मान लें हमारी,
गौरा भाग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी।।
लक्ष्मी को देख नारायण के जो,
रोज ही पांव दबावे है,
सेवा तेरी क्या करती नहीं,
क्यों मेरा मुंह खुलवावे है,
ले आखिर बार ये घोटी,
अब खोज ले कोई पुजारी,
गौरा भाग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी।।
पृथ्वी पे तो तेरा एक भक्त,
‘सुरेन्द्र सिंह’ तो बड़ा आला है,
गोरा मेरी जो भक्ति करें,
वो गांव निठौरा वाला है,
हमें घोट वो भाग पिलावे,
बड़ा सच्चा है परचारी,
गौरा भाग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी।।
गौरा भांग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी,
भोले भांग तो सर पे चढ़ जा,
बन जावे बुरी बिमारी।।
गायक / प्रेषक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853