मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में,
तेरे जलवो में तेरे नजारों में,
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में।।
तर्ज – श्री राम जानकी।
तेरा दुनिया में कौन सानी है,
तेरा दुनिया में कौन सानी है,
ये हकीकत है या कहानी है,
नूर तेरा है चाँद और तारो में,
नूर तेरा है चाँद और तारो में,
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में।।
तेरे द्वारे पे जो भी आता है,
तेरे द्वारे पे जो भी आता है,
भाग्य खुलते है मुस्कुराता है,
बटती है मुरादे हजारो में,
बटती है मुरादे हजारो में,
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में।।
तेरी शोहरत माँ सुनके आया हूँ,
तेरी शोहरत माँ सुनके आया हूँ,
फूल श्रद्धा के चुन के लाया हूँ,
वो असर है माँ तेरे जयकारो में,
वो असर है माँ तेरे जयकारो में,
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में।।
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में,
तेरे जलवो में तेरे नजारों में,
मईया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ो में।।