बन्नो म्हारो शंकर भोलेनाथ,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
बराती शिवजी गजब का लाया ओ,
देवता सभी रूप धर आया ओ,
ओ उल्टे बेल बेट कर आया,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
ये भुतडा भारी उधम मचाया रे,
संकणीया डाकणीया संग लाया,
जोगणिया गेरा नाच दिखाया,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
ये बाजा शंख बाजरीयो बांखीयो,
बिच्छू साप गला में ना क्यों,
गांव का देख देख सरमाया,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
जोगी सब जान्या बण आया,
संग में चिमटा खप्पर लाया,
धोरे आकर अलख जगाया,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
हिमाचल ब्याव रचायो भारी,
परण रही पार्वती वा प्यारी,
शिवजी आया वर राजा,
इंदर गण बजा रीया बाजा।।
सासु मूर्छित वे बण जावे,
बामण चवरी छोड भग जावे,
भोला शिव तोरण उपर आवे,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
नारद शिवजी ने समजावे,
सुंदर रूप भोला जी धरावे,
जगदीश भंवर सेमा गावे,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
बन्नो म्हारो शंकर भोलेनाथ,
बन्नी म्हारी गवरा लाडली।।
गायक – जगदीश वैष्णव जी।
प्रेषक – गोटु कुमावत ढेलाणा
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