भोले तेरी जटा से बहती है गंग धारा भजन लिरिक्स

भोले तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।



गल में मुंड माला की साजे,

शशि भाल में गंग विराजे,
डम डम डमरू बाजे,
कर में त्रिशूल धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।



भृग में तीन है तेज विसारे,

कटीबंद में नाग सवारे,
कहलाते कैलाश पति ये,
करते जहाँ विसारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।



शिव के नाम को जो उच्चारे,

सबके पाप दोष दुःख हारे,
सारी श्रष्टि के दाता ये,
भव से पार उतारे,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।



भोले तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

Previous articleवीर बजरंगी तेरे दीवाने तेरे दर्शन को आये हुए है भजन लिरिक्स
Next articleछोटा सा मंदिर बनाएंगे राधेश्याम आएंगे भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. बहुत ही सुन्दर भजन बहुत बहुत शुक्रिया आगे आशा करता हूँ आगे भी ऐसे ही भजन प्रस्तुत करते रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here