श्याम तेरा क्या फर्ज नहीं भक्तो के घर आने का लिरिक्स

मुरली वाले सुनियो जी,
एक सवाल दीवाने का,
अगर समझ में आ जाए,
भक्तो को समझाने का,
हमने अपना नियम निभाया,
खाटू आने जाने का,
श्याम तेरा क्या फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।



जिसका घर छोटा सा हो,

क्या उसके घर नहीं जाते,
रोटी रुखी सुखी हो,
क्या उसके घर नहीं खाते,
क्या मेरा हक नहीं बनता है,
तुमको घर बुलाने का,
श्याम तेरा क्यां फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।



नियम यही है दुनिया का,

दुश्मन के घर नहीं जाते,
या फीर छोटी जात का हो,
करके बहाना टरकाते,
इसके अलावा कोई भी हो,
नियम है आने जाने का,
श्याम तेरा क्यां फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।



जिसका जिसका घर देखा,

वो क्या तेरे लगते थे,
रिश्तेदारी में कान्हा,
वो क्या हमसे बढ़के थे,
इतना बता दो क्या लोगे तुम,
उनके जैसे बनाने का,
श्याम तेरा क्यां फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।



ऐसा रास्ता ढूंढ लिया,

रोज़ मिलेंगे ‘बनवारी’,
दंग रह जाएगा कान्हा,
देख मेरी तू समझदारी,
पक्का सोच लिया अपना घर,
खाटू में बनवाने का,
श्याम तेरा क्यां फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।



मुरली वाले सुनियो जी,

एक सवाल दीवाने का,
अगर समझ में आ जाए,
भक्तो को समझाने का,
हमने अपना नियम निभाया,
खाटू आने जाने का,
श्याम तेरा क्या फर्ज नहीं,
भक्तो के घर आने का।।

स्वर / रचना – श्री जयशंकर जी चौधरी।
प्रेषक – सचिन गोयल।
9896462682


Previous articleहो जो नजरे करम आपकी फिर नहीं डर है संसार की
Next articleअर्पण है तुमको ये जीवन भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here